Jodhpur Morning With Folk Musician @ Jaswant Thada

Jodhpur # 1

Picture this magical morning. A medieval desert city waking up to a new day, a rugged fortress standing guard like the Himalayas, and a marble royal cenotaph bathed in the rosy glow of the rising sun. This mesmerizing scene was made special by Langas, the traditional folksingers of Marwar at this musical gathering at dawn.Jaswant Thada is a memorial to Jaswant Singh II, the ruler of Jodhpur. It was built by his son Sardar Singh in 1899. Made entirely of marble, Jaswant Thada stands close to the Mehrangarh Fort and is the royal cremation ground.  

क्षमा चाहूँगा पिछले 8 दिनों से फ़ोटो वॉक तो जारी थी लेकिन पोस्ट नहीं कर पाया।
जोधपुर # 1
जसवंत थडे़ पर संगीतमयी प्रभात लंगा के राजस्थानी लोक गीतों से सजी प्रभात की ये महफ़िल बहुत मन मोहक व आनन्दित कर रही थी।उपर से पूरा जोधपुर शहर हिमालय सा खड़ा दुर्ग मेहरान गढ़ व पूरब दिशा से सूर्योदय की किरणें संगेमर मर के जसवंतथडे़ पर बिखरी लालिमा दिल को छू रही थी।
ये ख़ूबसूरती और आन बान व शान तो हमारे जोधपुर में अपणायत के साथ देखने को मिलती है।
जसवंत थड़ा सफ़ेद संगमरमर से बना एक स्मारक है जो बना मेहरानगढ़ के जोधपुर दुर्ग के पास सामने की और स्थित है। इसे सन 1899 में जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय (1888-1895) की यादगार में उनके उत्तराधिकारी महाराजा सरदार सिंह जी ने बनवाया था। यह स्थान जोधपुर राजपरिवार के सदस्यों के दाह संस्कार के लिये सुरक्षित रखा गया है।

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