The Colobinae [ Indian Langur] or leaf-eating monkeys

कोलोबिना या पत्ती खाने वाले बंदर लंगूर
इसके शरीर का रंग सिलेटी तथा अयाल भूरा होता है जो ऊपर की ओर गाढ़ा और नीचे की ओर हलका रहता है। चेहरे, कान, तलुए और हाथ-पैर का बाहरी हिस्सा काला रहता है। लंगूर, बंदरों से कम ऊधमी होते हैं और आबादियों की अपेक्षा जंगलों में रहना अधिक पसंद करते हैं, लेकिन कहीं-कहीं बस्तियों में भी दिखाई पड़ते हैं।

यह कद में बंदरी से कुछ बड़ा, लगभग दो फुट का होता है। लेकिन इसकी दुम इसके शरीर से 5’ के लगभग लंबी होती है। मादा नर से छोटी होती है। लंगूर एक जगह से दूसरी जगह छलांग लगाते हुए अगर पहुँचने में असमर्थ हो जाऐ तो अपनी पुँछ के सहारे जमीन पर पाँव रखे बिना अपने पूर्व के स्थान पर वापस आ जाता है। इनका मुख्य भोजन फल-फूल है, लेकिन बंदरों की तरह, ये गल्ला, कीड़े मकोड़े और अंडे भी खा लेते हैं। मादा एक बार में एक बच्चा देती है, जो कुछ समय तक माँ के पेट से चिपका रहता है। पंछियो मे से लंगूर के दुश्मन कौवे होते है जो अक्सर लंगूरो को अपने इलाके में आने पर उन्हें भगाते है। वयस्क नर लंगूर का वजन १८ किलो तक होता है वही मादा लंगूर ११ किलो होती है वे १२ से १५ फ़ीट तक की छलांग लगा सकते है। भूरे लंगूरो की प्रजाति उत्तरी हिमालय से लेकर दक्षिणी श्रीलंका और बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान तक इनकी मौजूदगी है यही इनकी आधे से ज्यादा तादात पाई जाती है। वे इंसानो के बिच शहरी भागो में भी रहते है सबसे ज्यादा मानवी इलाको में इनकी तादाद भारत के जोधपुर शहर में है।

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